Monday, June 27, 2016

ताम्बई सी मुस्कान

ताम्बई सी मुस्कान पे, मासूमी की अदा ! 
खवाबों की चम्पई सी ज़रदोज़ी लगता हैं !!
जाने क्या था ऐसा, उसकी कंजई आँखों में !
मुझको शहर का चांद, फिरोजी लगता हैं !!

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