Sunday, December 10, 2017

मुक्तक

शब्द मेरे सब,, तुम्हारे हो गए !
रूप की लावण्यता में. खो गए !!
अर्थ जब ना पा सके, संसर्ग में !
दर्द की आधिक्यता में, रो गए !!

No comments:

Post a Comment