Saturday, January 8, 2011

रामदेव स्वामी कहें..........


दोस्तों योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज का का अनुयायी होने के नाते कुछ पंक्तियाँ लिखता हूँ बेहद हल्के फुल्के अंदाज मैं, अन्यथा ना ले, मकसद केवल योग ओर आयुर्वेद के प्रति जन जागरण हैं

रोग रोग सब हीं कहें,योग ना बान्चे कोय
जो जन बान्चे योग को,तो रोग कहा से होय!

रामदेव स्वामी कहें,सब कलीयुग का झोल
नियम आसान जाप हवन कर दीने सब गोल!

ईश्वर या संसार मैं , प्राणी ये कुल चार
दो तो स्वर्ग सिधार गये,दो एडमिट बीमार!

कोल्डड्रिंक का आचमन,जंक फ़ूड का भोग
सर्वनाश का मूल यह, समझे ना ये लोग!

अतिकी भली न चासनी अतिकी भली नचाय
पच्चीस की आयु मैं ही जीवन बीता जाय!

शल्य चिकित्सा कर गये,डाक्टर दीनानाथ
दो थे परअब एक हैं किडनी,आँख ओ हाथ!

दारू पी पी जुग भया,मॅन का मिला न चैन
डेढ़ पसलियां पीठ से ,चिपकी रही दिन रैन!

हास्पिटल मैं भी गया,करवाने उपचार
दो रोग पहले से थे, हो गये हैं अब चार

आसान प्राणायाम से, स्वस्थ रहे शरीर
ना डा. की फीस कोई,ना इंजेक्शन पीर!

पद्मासन मैं बेठ कर, दोनो हाथ पसार
प्राण वायु को साध ले, यही योग का सार!

2 comments:

  1. yogasan sehat ka raj.......... bahut hi sunder dohe.

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  2. very funny hahahahaha. Bura mat maniyega hansna bhi ek yog hai na hahahahaha

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