Monday, February 14, 2011

१४ फ़रवरी यानि वेलेंटाइन डे



१४  फ़रवरी यानि वेलेंटाइन डे
ओर वो कहते हैं की प्यार के इजहार का दिन हैं, इकरार का दिन हैं ओर कहीं कहीं तकरार का दिन हैं. ये ठीक रहा वैसे की एक दिन फिक्स कर लिया की आज सुबह सुबह प्यार का इजहार कर लिया जाये अगर चूक गए तो जैसे कल तो फिर ये दिन आएगा नहीं... मानो इजहार न हुआ चुनाव का मतदान हो गया की ५ साल में एक दिन फिक्स... वैसे भी आजकल पंचायती चुनावों की बयार बह रही हैं
अपने लक्की जी को ही ले लो कल से परेशां हैं की भैय्ये वेलेंटाइन डे आने वाला हैं गिफ्ट शिफ्ट खरीद ले कुछ दो तीन तरह के पर्फियूम     दो-चार  डियो..इअरिंग्स .... musical कार्ड्स ओर न जाने क्या क्या.. अब आप पूछेंगे..... इतने क्यों भाई........ तो भईय्ये महिला मित्र भी तो हैं इतनी सारी.........तो क्या सबसे वेलेंटाइन  डे मनाओगे......... लो अब करो बात ..........भाई सभी को खुश करना जरूरी हैं ना .........अब टीना  को पर्फियूम.......  तो लीना को डियो .........शीला को इयरिंग  ...........तो रीना को कार्ड.. ऐसे ही तो हैं ये डे मानाने का रिवाज
रात से ही मोबाइल पे मेसेज आने लगे हैं एक को रिप्लाई  दिया......... दुसरे को प्रोपोस किया......... इटावा वाली कम्मो(कमलेश) को ग़ालिब का शेर तो............... करनाल वाली अन्नु को बुले शाह की रुबाई................ भाई मोबाइल न हुआ नुक्कड़ का कलवा नाइ  हो गया की इस गाँव की उस गाव तक पंहुचा दे .....हद तो तब हुई की बनारस वाली रितिका  को जो रिश्ते में कजन लगती थी जम्मू वाली रिद्धिमा  समझ के प्रपोस  कर दिया तब दिमाग झंनाया जब दो गालिया सुनी ओर तब ख्याल आया की मोबाइल में नंबर केसाथ नाम ओर पता लिखना कितना जरूरी हैं
सुबह पिछली गाली की शम्मो(शमिता) को महंगा वाल पर्फियूम ओर डियो का सेट देते समय भावुक हो गए थे अपने लकी  भाई अब उन्हें क्या पता की शम्मो के पर्स में आलरेडी  ४ पर्फियूम ऐसी ही पहले से पढ़े हैं
अब इन्टरनेट का जमाना  हैं तो ऑनलाइन इजहार भी जरूरी ही हैं फेसबुक .. ट्विटर ..ऑरकुट.. १००- १५० लोगो की फ्रेंड लिस्ट में अब ३० -४० प्रेमिकाए तो निकल ही आती हैं वैसे भी अपने लक्की भाई रंगीन मिजाज शख्श  हैं सो रेडीमेड स्क्रेप्स का पूरा बंच दे मारा छाट- छाट कर कोई ना कोई तो एक्सेप्ट कर ही लेगी...  ऐसे ही हैं अपने लकी  भाई  अब ऑरकुट पे आये ओर चेट न हो..!! कैसे हो सकता हैं ओर कमाल हैं लकी भाई का भी एक समय में ४- ४ से चेटिंग....... मजाल हैं जो एक भी  ऑनलाइन फ्रेंड छूट  जाये हाँ. ये अलग बात हैं की किसी की लाइन किसी में लिखी जाये गलती से याद नहीं रहता ना की किसको पहले प्रोपोसे कर चुके हैं गलती से दोबारा कर दो तो सामने वाले को शक होना लाजमी ही हैं ओर हाँ जब तक मेल के प्रोफाइल में ८०% फिमेल  ओर फिमेल  की प्रोफाइल में ८०% मेल फ्रेंड्स ना हो दोस्तों के आगे नाक ही ऊँची नहीं होती
प्रेमिकाय न हुई स्टेटस  सिम्बल हो गया

ऐसा ही हैं आज का इजहार-ए-मोहब्बत तेज लाइफ हैं तो पार्टनर भी तेजी से बदलना ही पढ़ेगा  महीना ख़त्म होते होते नई प्रेमिका के नाम की तख्ती लगाना जरूरी हैं......... वरना कालेज ओर दोस्तों  में ख्वामखाह बेकवार्ड  की संज्ञा में आ जायेंगे........ अब वो दिन तो हवा हुए जब फखरू मियां फाख्ता उड़ाया  करते थे मेरा मतलब की २० साल पहले के ज़माने की बात करूं तो तो मेरे एक मित्र थे उनका कालेज का फर्स्ट इयर तो देखने दिखाने ओर इंतजार करने में ही निकल गया  सेकेंड इयर में कहीं नजर  चार हो पाई  थी ओर थर्ड  इयर के अंतिम कुछ दिनों में ही इजहार   हो पाया  था वो भी पेसेंजर  ट्रेन की तरह जो न  जाने कितनी बार अटक अटक के पहुचती हैं
अब कहाँ वो पहले सी रवायत की अम्मा ने दही लेने भी भेजा तो ३ कोस दूर महबूब की गली की दुकान से इस उम्मीद में की वो भी मिल जाये कहीं समोसे खरीदती हुई .....
दोस्तों प्यार क्या किसी एक दिन का मोहताज हैं ? या केवल महेंगे गिफ्ट्स का ? प्यार का ऐसा बाजारीकरण देखता हूँ तो शर्म आती हैं....क्षमा कीजियेगा ....शायद आपको बुरा लगे .... ऐसे प्यार पर तारिख ओर टाइम देख के होने वाला प्यार तो शायद केलेंडर बदलते ही खुद को भी बदल ले
पर अपने लकी भाई मस्त हैं ५ प्रपोजल  तो असेप्ट हो भी गए उनके  ............
बधाई सबको .....

5 comments:

  1. Lucky bhai ko is kamyabi par mubarakbad. Vaise harish bhai photo badi kamal ki lag rahi hai.... Sunder vyang.

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  2. Wow सर पहला कमेन्ट आपके पपी के नाम क्यूंकि सबसे ऊपर तो वही बैठा है न | वैसे मानना पड़ेगा की तश्वीरें आप काफी सोच समझ कर लगाते हैं क्यूंकि जिस तरह के प्रेम के बारे में आपने लिखा है उसे कहते भी पपी लव हीं हैं |

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  3. आज तक आपकी काव्य कला देखी थी | व्यंग भी काफी मस्त लगा आपका कई जगह भाषा काफी चुटीली हो गयी है यह भाषा परिवर्तन भी जंच रही है आपकी लेखनी में जैसे " रेडीमेड स्क्रेप्स का पूरा बंच दे मारा छांट छांट कर "

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  4. आज के दिन आपको मेरी प्यार भरी शुभकामनायें

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  5. आपका लेख पूरा पढ़ा .....२...३ बार पढ़ा
    व्यंग है प्यार करने वालो पर ....आज के वक़्त पर
    आपने ठीक कहा की आज का वक़्त बदल गया है
    प्यार का मतलब बदल गया है ....पर अभी भी कुछ
    ऐसे है जो प्यार से बंधे हुए है ....बिना दिखावे के
    बिन बोले चुपचाप ....हां आपकी बात से सहमत हूँ
    प्यार किसी खास दिन का मोहताज नहीं है ....
    बधाई आपने बहुत अच्छा लेख लिखा
    आपकी सोच की गहराई को सलाम .......

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