Tuesday, August 16, 2011

आजादी.......

दे दी इन्हें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल !
साबरमती के संत तूने  कर दिया बबाल!!

क्यों थी ये  आजादी किसी को हैं क्या पड़ी !
निज स्वार्थ कामना  हो गई हैं देश से बड़ी !!
फिर डगमगाई कश्ती इनको जरा संभाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम,.............

कोसेंगे रात दिन  तुझे रोएंगे भी तुझको !
बोएंगें रात  दिन तुझे काटेंगें  भी तुझको !!
फिर भी तो कम हुआ नहीं ये तेरा जमाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम,.............

सब लूट के खायेंगे तुझे भी तो क्या पता !
क्यों गोलियां खाई थी  इन्ही से जरा बता !!
अब बच नहीं पाएंगे खड़ा सर पे महाकाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम ..

पाने को आजादी जाने क्या-२ नहीं सोचा !
आजादी मिली तो हुआ जाने क्या ये लोचा!!  
हर रोज ही झुकता हैं भारत का यहाँ भाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम,............. ............

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