दे दी इन्हें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल!!
क्यों थी ये आजादी किसी को हैं क्या पड़ी !
निज स्वार्थ कामना हो गई हैं देश से बड़ी !!
फिर डगमगाई कश्ती इनको जरा संभाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम,.............
कोसेंगे रात दिन तुझे रोएंगे भी तुझको !
बोएंगें रात दिन तुझे काटेंगें भी तुझको !!
फिर भी तो कम हुआ नहीं ये तेरा जमाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम,.............
सब लूट के खायेंगे तुझे भी तो क्या पता !
क्यों गोलियां खाई थी इन्ही से जरा बता !!
अब बच नहीं पाएंगे खड़ा सर पे महाकाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम ..
रघुपति राघव राजा राम,............. ............
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल!!
क्यों थी ये आजादी किसी को हैं क्या पड़ी !
निज स्वार्थ कामना हो गई हैं देश से बड़ी !!
फिर डगमगाई कश्ती इनको जरा संभाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम,.............
कोसेंगे रात दिन तुझे रोएंगे भी तुझको !
बोएंगें रात दिन तुझे काटेंगें भी तुझको !!
फिर भी तो कम हुआ नहीं ये तेरा जमाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम,.............
सब लूट के खायेंगे तुझे भी तो क्या पता !
क्यों गोलियां खाई थी इन्ही से जरा बता !!
अब बच नहीं पाएंगे खड़ा सर पे महाकाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
रघुपति राघव राजा राम ..
पाने को आजादी जाने क्या-२ नहीं सोचा !
आजादी मिली तो हुआ जाने क्या ये लोचा!!
हर रोज ही झुकता हैं भारत का यहाँ भाल !
साबरमती के संत तूने कर दिया बबाल !!
बहुत ही खुबसूरत रचना....
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