घनाक्षरी और
विशुद्ध हास्य में लीजिये
पति उवाच
मोबाइल धारिणी तू फेसबुक तारिणी तू
मोबाइल धारिणी तू फेसबुक तारिणी तू
........वाट्स अप त्याग प्रिये
आज इतवार हैं
...........सुबह की हाय नहीं एक कप चाय नहीं
.................कानन में कानसुन ये तो अत्याचार हैं
स्टेटस की होड़ छोड़ लाइको से मुख मोड़
.....ऑफ़ करो मेसेंजर ......आज रविवार हैं
...............मेसेजस बीप रहे फोलोवर टीप रहे
....................पति सारे झीक रहे ये तो दुराचार हैं
...........सुबह की हाय नहीं एक कप चाय नहीं
.................कानन में कानसुन ये तो अत्याचार हैं
स्टेटस की होड़ छोड़ लाइको से मुख मोड़
.....ऑफ़ करो मेसेंजर ......आज रविवार हैं
...............मेसेजस बीप रहे फोलोवर टीप रहे
....................पति सारे झीक रहे ये तो दुराचार हैं
पत्नी उवाच
चख चख मत कीजे पति देव सुन लीजे
...........रविवार आपका हैं मेरे सारे वार हैं
...............शेव जो बनानी होतो चाय भी जो पीनी होतो
...............................नुक्कड़ पे जाइएगा सारे दूकांदार हैं
रात के स्टेटस सारे इन्तजार के हैं मारे
.........दस पांच इस्माइली इन्हें दरकार हैं
.............प्रोफाइल की हूँ रानी सेल्फियों की मैं दीवानी
.............................जा रही हैं ये जवानी दिन बस चार हैं
चख चख मत कीजे पति देव सुन लीजे
...........रविवार आपका हैं मेरे सारे वार हैं
...............शेव जो बनानी होतो चाय भी जो पीनी होतो
...............................नुक्कड़ पे जाइएगा सारे दूकांदार हैं
रात के स्टेटस सारे इन्तजार के हैं मारे
.........दस पांच इस्माइली इन्हें दरकार हैं
.............प्रोफाइल की हूँ रानी सेल्फियों की मैं दीवानी
.............................जा रही हैं ये जवानी दिन बस चार हैं
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