जिस्म से जां के, जुदा होने तक !
मुझमें रहना तू, खफा होने तक !!
सांस लेना भी तो, गुनाह ही हैं !
हक मोहब्बत का, अदा होने तक !!
चंद सांसों की और ..मोहलत हो !
मेरे कातिल को, सजा होने तक !!
मुझमें रहना तू, खफा होने तक !!
सांस लेना भी तो, गुनाह ही हैं !
हक मोहब्बत का, अदा होने तक !!
चंद सांसों की और ..मोहलत हो !
मेरे कातिल को, सजा होने तक !!
किसी कोने में
पड़ा,
रहने दे मुझे !
तेरी यादों से ......दफा होने तक !!
तेरी यादों से ......दफा होने तक !!
उम्र लगती हैं ........वफादारी में !
दर्द को अपनी ही, दवा होने तक !!
No comments:
Post a Comment