ज्येष्ठ की तपती दुपहरी, और मैं !
मौसमी यह चाल गहरी, और मैं !!
साया भी क़दमों के नीचे, दफ्न हैं !
धूप सीधी सर पे ठहरी,, और मैं !!
तीर के मानिंद, छुभते से सवाल !
मौसमी यह चाल गहरी, और मैं !!
साया भी क़दमों के नीचे, दफ्न हैं !
धूप सीधी सर पे ठहरी,, और मैं !!
तीर के मानिंद, छुभते से सवाल !
उनकी वो बेजा कचहरी,
और मैं !!
दिल से कहना क्या तुम्हें भी याद हैं !
कल की वो यादें सुनहरी, और मैं !!
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