तुझ से यूं लागी लगन, नहीं चला फिर जोर !
जाने ये किस जन्म से, ...बधी प्रीत की डोर !!
माया ने रोका बहुत,...... रुका नहीं ये स्नेह !
मैं तुझ तक खिचता गया, अरु तू मेरी ओर !!
जाने ये किस जन्म से, ...बधी प्रीत की डोर !!
माया ने रोका बहुत,...... रुका नहीं ये स्नेह !
मैं तुझ तक खिचता गया, अरु तू मेरी ओर !!
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