अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत शुभकामनायें, उनके लिए जिनसे मेरा सबकुछ हैं .....
वो,
जिनसे मुझे
अपूर्णता से
सम्पूर्णता मिली,
परिपूर्णता भी ....
वो जो मार्गदर्शक भी बनी
और पथ प्रदर्शक भी
चित्तहर्षक भी , ...
वो जो सौम्यता, स्निग्धता
और ममत्व का
प्रतिमान हैं,
वो जो पैरों के नीचे की ज़मी
और सर पे
आसरे का आसमान हैं, .....
वो जो
स्नेह का पिटारा भी हैं
और मझधार में
कश्ती का किनारा भी
और अनंत का सहारा भी , ....
.वो जो मंदिर की
परिक्रमा में
आस्था का आँचल भी हैं
हंसी मौन क्रंदन भी
और स्वाभिमान का
रोली चन्दन भी ...
वो जो दुश्वारियों को
बुहारने का सूप भी हैं
साक्षात देवी सा रूप भी
और आँगन में
खिलखिलाती
गुनगुनाती धूप भी,.....
वो जो अन्नपूर्णा भी हैं
जी लेने की प्रेरणा भी
और उज्जवलित सी
कांतिमय कामना भी,...
.वो जो आशीष का
अम्बर हैं
प्रीत का स्वयंबर हैं
और संभावनाओं का
समन्दर भी
वो जो मेरा
समाधान भी हैं
अभिमान भी
और मेरा प्रतिमान भी
वो जो एक माँ हैं
एक पत्नी भी
एक बेटी भी ....
बहुत शुभकामनाएँ पुनः आप तीनों को और प्रणाम भी
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