Thursday, July 21, 2016

कभी जब रूठ जाओ तुम,



कभी जब रूठ जाओ तुम, तो मुझको याद कर लेना !
कभी जब टूट जाओ तुम, तो मुझको याद कर लेना !!
मैं अब तक भी वहीँ बैठा हूँ, सरगम की कतारों पर !!
कभी जब गुनगुनाओ तुम, तो मुझको याद कर लेना !!

बहुत सोचा तुम्हें कह दूं, ...तुम कितनी खूबसूरत हो !
मैं पत्थर सा किनारों का, की तुम मंदिर की मूरत हो !!
कभी रिश्तों की उलझन को नहीं सुलझा सका गर मैं !
भुला ना देना तुम मुझको,, की तुम मेरी जरूरत हो !!

मैं तुम बिन दो कदम हमदम न चल पाऊंगा जीवन में !
दखल हर साँस में हरदम......बसी हो मेरी धडकन में !!
तुम्हें कितना हैं चाहा हमनफ़स,.. बतला नहीं सकता !
हमेशा तुम रही शामिल.........ख़ुशी में और क्रंदन में !!

तुम्हें मैं क्या करूं अर्पण,..... मेरी झोली तो खाली हैं !
की तारे गिन रहा हूँ मैं ........सुबह भी होने वाली हैं !!
दिये रोशन इन आँखों में.....तब्बसुम लब पे ठहरा हैं !
तुम्हारा जन्मदिन होगा...........मगर मेरी दिवाली हैं !!

बस एक किरदार

एक बस किरदार ही, दुनिया में यां रह जायेगा !
नाम मत पूछो मेरा,, ये नाम तो गुम जायेगा !!
मेरी बातें,, मेरे नगमें,, मेरी नज़्मों,, में कहीं !
जो भी देखे, आपका चेहरा नज़र आ जायेगा !!
...हरीश ...

आज बस कश्मीर लिखेंगे ...

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा चलाये जा रहे छद्मयुद्ध की बर्बरता से उपजी कुछ पंक्तियाँ आपकी नजर अगर वतन से प्यार हैं दोस्तों तो एक बार जरूर कश्मीर लिखियेगा .....

ना ग़ज़ल,, ना नज़्म...कोई हीर लिखेंगे !
ना अश्क़ मैं डूबी कोई, तहरीर लिखेंगे !!
शायरों रहने दो, हुस्नों इश्क के चर्चे ज़रा !
आज बस कश्मीर बस कश्मीर लिखेंगे !!
फिर वही गुस्ताख़ रहबर,, फिर वही अय्यारियां !
फिर वही जयचंद हैं और फिर वही मक्कारियां !!
लाज़मी हैं घर मैं बैठे क़ातिलों का सर कुचलना !
इस दफ़ा सर पे कफ़न की हो चुकी तय्यारियां !!
सीने पर अब के उन्हीं के, 'चीर' लिखेंगे !
आज बस कश्मीर बस कश्मीर लिखेंगे !!

बाज आ इन हरकतों से सब्र को मत आजमा तू 
खुद लिखेगा खून से फिर दफन अपनी दास्तां तू
फिर कोई बिस्मिल न हो जाये कहीं यूं सरफरोश
सैकड़ों टुकड़ों में बट जाए कहीं न सर से पां तू

अब से हर सैनिक को अपने वीर लिखेंगे
आज बस कश्मीर बस कश्मीर लिखेंगे 

देखते हैं कितने सीने,.... देश के छलनी करोगे !
देखना उससे जियादा,, तुम हमें सदके मैं दोगे !!
डरते नहीं हैं छातियों पर,,, गोलियों की मार से !
एक तुम मारोगे लेकिन माँ कसम सौ सौ मरोगे !!
गिन लो हर इक सर पे अब शमशीर लिखेंगे !
आज बस कश्मीर..... बस कश्मीर लिखेंगे !!
.......हरीश,,,,,
बहुत थका सा हैं कन्धा, सुकून मिल जाता !
मैं अपने सर को ज़रा सा उतार लेता अगर !!
.......हरीश....