Saturday, April 21, 2012

बिंदी

क्षितिज की
लालिमा
कोरी सी
लगेगी,
सपाट
हो जायेंगे,
देवस्थलों के
उतुंग
शिखर!
बाढ़ सी
छितरा देंगे,
गंगा के
ये उर्वरा मैंदान,
अगर तुमने
माथे से
ये बिंदी
बदल ली
तो... !!!!!

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